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| Image: Delhi Civil Defense Bus Marshal protest |
16 को दिल्ली सिविल डिफेंस बस मार्शल सीएम आवास पर करेंगे धरना-प्रदर्शन : एडवोकेट कल्पना
नई दिल्ली। देश के प्रहरियों के बराबर सम्मान पाने वाले सिविल डिफेंस डीटीसी बस मार्शलों के साथ किए जा रहे अमानवीय व्यवहार से शुब्द डीटीसी के हजारों मार्शल, युवा एडवोकेट कल्पना श्रीवास्तव के नेतृत्व में अपने सम्मान और हक के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर 16 अगस्त बुधवार को शांतिपूर्ण धरना- प्रदर्शन करने जा रहे है। इस बात की जानकारी बाकायदा सोशल मीडिया के जरिए सभी संविदा कर्मचारियों को दी जा रही है।
बता दें युवा एडवोकेट संविदा मार्शलों के अधिकार की लडाई एकदम फ्री में कर रही है। युवा एडवोकेट कल्पना श्रीवास्तव द्वारा जारी पत्र में केजरीवाल सरकार को चेताया है कि इन्हीं कांट्रैक्ट कर्मचारियों की पीठ पर सवार होकर आपने सत्ता हासिल की है। इनमें तमाम सिविल डिफेंस, DTC ड्राइवर, कंडक्टर, क्लस्टर बस ड्राइवर, कंडक्टर, गेस्ट टीचर, एमसीडी के हेल्थ सर्विस, सफाई कर्मचारी, के अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉन टीचिंग कर्मचारी,NDPL, BSES बिजली विभाग, मैट्रो, समेत अन्य संविदा (कांट्रैक्ट) पर काम करने वाले लाखों का कर्मचारियों के दम पर दिल्ली की सत्ता हासिल की है और अब इन
कांट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर इन्हें अनाथ कर दिया है। इनकी 3-3 महीने से तनख्वाह नहीं दी जा रही हैं। आज इनको सुध तक नही लो जा रही है। एडवोकेट कल्पना श्रीवास्तव के मुताबिक डीटीसी बस मार्शल रोज अपने नियम से ड्यूटी पर समय से पहुंचने के बाद उन्हें ड्यूटी तक नहीं दी जाती है। इनमें बड़ी संख्या महिला मार्शलों की बताई गई है। उन सभी के साथ ऐसी बेइज्जती का बर्ताव बरदाश से बाहर है। एडवोकेट कल्पना पर कारवाई की अपील की है। श्रीवास्तव के मुताबिक एक तरफ अन्य विभागों की सेलरी आ रही है, लेकिन महिला सुरक्षा में लगे दिल्ली सिविल डिफेंस मार्शलों को तनख्वाह से महरूम रखा जा रहा है।
इस बाबत एडवोकेट कल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि 25 मार्च 2022 को सीएम केजरीवाल को पत्र लिखकर पूछा था, कि आखिर क्यों नहीं आज तक उस पर कोई सुनवाई नहीं की गई है। एडवोकेट कल्पना श्रीवास्तव ने अपने मांग पत्र में 12 सूत्रीय मांग पत्र इनमें सिविल डिफेंस के तमाम डीटीसी मार्शलों को ईएसआई कार्ड या फ्री मेडिकल सुविधाओ का प्रावधान, वहीं पीएफ सुविधा को लागू किया जाए। अनुबंध प्रथा को खत्म कर स्थाई नियुक्ति के साथ ही लेबर लॉ आधार पर प्रतिदिन भत्ता निर्धारित किया जाए।
इसके अलावा काम समयावधि व स्थान सुनिश्चित करना, 60 वर्ष आयु तक सेवा के बाद पेंशन लागू करना भर्तियों में पारदर्शिता के साथ प्रमोशन पॉलिसी ड्रेस कोड, लेबर लॉ के आधार पर छुट्टियों का प्रोविजन के अलावा प्रतिदिन नियमित ड्यूटी दिये जाने संबंधी मांगें की है।
